अध्याय 2 : आरक्षण नीति – उद्देश्य और सिद्धांत
(Reservation
Policy – Objectives and Principles)
2.1 आरक्षण नीति की अवधारणा (Concept of Reservation Policy)
आरक्षण नीति भारत की
प्रशासनिक एवं सामाजिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह नीति इस सिद्धांत पर
आधारित है कि समाज के सभी वर्ग समान ऐतिहासिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक परिस्थितियों से नहीं आए हैं। कुछ
वर्ग लंबे समय तक वंचना, भेदभाव और
अवसरों की कमी का सामना करते रहे हैं।
भारतीय रेलवे जैसी विशाल
सार्वजनिक संस्था में आरक्षण नीति का उद्देश्य केवल नियुक्ति देना नहीं है, बल्कि समान अवसर (Equal Opportunity) को वास्तविक रूप में लागू करना है। रेलवे
में आरक्षण नीति सामाजिक संतुलन,
प्रशासनिक
न्याय और संवैधानिक मूल्यों का व्यावहारिक स्वरूप है।
2.2 आरक्षण नीति का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
भारत में आरक्षण की
अवधारणा स्वतंत्रता से पहले भी विद्यमान थी,
किंतु
संविधान लागू होने के बाद इसे स्पष्ट संवैधानिक आधार मिला। संविधान निर्माताओं ने
यह माना कि केवल विधिक समानता पर्याप्त नहीं है, जब तक सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को दूर न किया जाए।
रेलवे, जो ब्रिटिश काल से ही एक बड़ा नियोक्ता रहा
है, स्वतंत्र भारत में
सामाजिक न्याय की नीति को लागू करने का एक प्रमुख माध्यम बना। इसी कारण रेलवे में
आरक्षण नीति का विशेष महत्व है।
2.3 आरक्षण नीति के प्रमुख उद्देश्य (Objectives of Reservation Policy)
भारतीय रेलवे में आरक्षण
नीति के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
·
सामाजिक एवं शैक्षणिक
रूप से पिछड़े वर्गों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देना
·
संविधान में निहित समान
अवसर के सिद्धांत को व्यवहार में लागू करना
·
ऐतिहासिक अन्याय एवं
असमानताओं की भरपाई करना
·
प्रशासन में विविधता (Diversity) और समावेशन (Inclusion) सुनिश्चित करना
आरक्षण नीति यह स्वीकार
करती है कि सभी के लिए समान नियम तभी प्रभावी होंगे, जब प्रारंभिक असमानताओं को संतुलित किया जाए।
2.4 प्रतिनिधित्व का सिद्धांत
(Principle of Adequate Representation)
आरक्षण नीति का मूल आधार पर्याप्त प्रतिनिधित्व का सिद्धांत है। इसका
अर्थ यह नहीं है कि प्रत्येक वर्ग को समान संख्या में पद दिए जाएँ, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी वर्ग
सरकारी सेवाओं में नगण्य या शून्य प्रतिनिधित्व का शिकार न हो।
रेलवे में यह सिद्धांत रोस्टर प्रणाली के माध्यम से लागू किया
जाता है, जिससे प्रत्येक संवर्ग (Cadre) में SC, ST, OBC एवं EWS का संतुलित प्रतिनिधित्व बना रहे।
2.5 सामाजिक न्याय और प्रशासनिक दक्षता
आरक्षण नीति के
क्रियान्वयन में सामाजिक न्याय और प्रशासनिक दक्षता के बीच संतुलन अत्यंत आवश्यक
है। रेलवे प्रशासन यह सुनिश्चित करता है कि आरक्षण नीति से कार्यक्षमता प्रभावित न
हो, साथ ही सामाजिक न्याय के
उद्देश्य भी पूर्ण हों।
इस संतुलन को बनाए रखने
के लिए:
- न्यूनतम
योग्यता मानक तय किए जाते हैं
- चयन
प्रक्रिया निष्पक्ष रखी जाती है
- प्रशिक्षण
एवं क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाता है
2.6 समान अवसर बनाम समान परिणाम
आरक्षण नीति का उद्देश्य समान परिणाम (Equal Outcome) सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि समान अवसर (Equal Opportunity) प्रदान करना है। रेलवे में सभी उम्मीदवारों
के लिए चयन प्रक्रिया समान रहती है,
किंतु
आरक्षण नीति यह सुनिश्चित करती है कि सामाजिक पिछड़ेपन के कारण कोई वर्ग
प्रतिस्पर्धा से बाहर न हो जाए।
यह सिद्धांत आरक्षण नीति
को न्यायसंगत और संवैधानिक बनाता है।
2.7 रेलवे में आरक्षण नीति के व्यावहारिक सिद्धांत
भारतीय रेलवे में आरक्षण
नीति निम्नलिखित व्यावहारिक सिद्धांतों पर आधारित है:
- आरक्षण
केवल निर्धारित प्रतिशत तक सीमित रहेगा
- कुल आरक्षण
50% की सीमा से अधिक
नहीं होगा
- आरक्षण का
क्रियान्वयन रोस्टर प्रणाली द्वारा किया जाएगा
- मेरिट के
आधार पर चयनित उम्मीदवार आरक्षित कोटे में नहीं गिने जाएँगे
ये सिद्धांत नीति के
दुरुपयोग को रोकने में सहायक हैं।
2.8 रेलवे प्रशासन में आरक्षण नीति का अनुपालन
रेलवे में आरक्षण नीति
का पालन करना केवल सामाजिक दायित्व नहीं,
बल्कि विधिक अनिवार्यता है। प्रत्येक भर्ती, पदोन्नति या चयन में संबंधित रोस्टर बिंदु
की जाँच करना आवश्यक होता है।
इस संदर्भ में कार्मिक विभाग (Personnel Department) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि रोस्टर का सही रख-रखाव उसी के
द्वारा किया जाता है।
2.9 आरक्षण नीति से संबंधित सामान्य भ्रांतियाँ
आरक्षण नीति को लेकर कुछ
सामान्य भ्रांतियाँ प्रचलित हैं,
जैसे:
- आरक्षण से
मेरिट समाप्त हो जाती है
- आरक्षण से
प्रशासनिक गुणवत्ता घटती है
- आरक्षण
स्थायी व्यवस्था है
वास्तविकता यह है कि यदि
नीति को नियमों के अनुसार लागू किया जाए,
तो
यह न केवल सामाजिक संतुलन बनाती है,
बल्कि
संगठन को अधिक संवेदनशील और प्रतिनिधिक बनाती है।
2.10 आरक्षण नीति और न्यायिक दृष्टिकोण
न्यायालयों ने समय-समय
पर यह स्पष्ट किया है कि आरक्षण नीति का उद्देश्य सामाजिक संतुलन है, न कि किसी वर्ग को अनुचित लाभ देना। इसलिए
रेलवे में आरक्षण नीति न्यायालयों के निर्देशों के अनुरूप लागू की जाती है।

No comments:
Post a Comment